सरकार ने किसानों और पशुपालकों के लिए एक खास योजना की शुरुआत की है जिसका नाम है गोबर गैस योजना। इस योजना के तहत राज्य के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोग अब अपने खेत या निजी जमीन पर बायोगैस प्लांट लगवा सकते हैं। सरकार इस प्लांट को लगवाने के लिए कुल लागत का 50% अनुदान के रूप में सहायता दे रही है। यह योजना खासकर बिहार राज्य में चलाई जा रही है और इसका लाभ वही लोग ले सकते हैं जो राज्य के स्थायी निवासी हैं।
सरकार की ओर से इस योजना के तहत लाभार्थियों को लगभग 22500 रुपये की आर्थिक सहायता मिलेगी जिससे प्लांट की लागत का बड़ा हिस्सा कवर हो सकेगा। योजना का मुख्य उद्देश्य स्वच्छ ईंधन को बढ़ावा देना और किसानों को आत्मनिर्भर बनाना है। इससे उन्हें रसोई गैस की लागत में राहत मिलेगी और साथ ही जैविक खाद भी तैयार होगी।
Gobar Gas Yojana
गोबर गैस योजना 2025 का उद्देश्य सिर्फ एक संयंत्र लगवाना नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण विकास और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। इस योजना के माध्यम से सरकार ग्रामीण भारत में हर घर तक स्वच्छ ऊर्जा पहुंचाने की कोशिश कर रही है। गोबर गैस योजना 2025 किसानों को न सिर्फ सस्ती और स्थायी ऊर्जा प्रदान करती है, बल्कि उन्हें जैविक खेती की ओर भी प्रेरित करती है। गोबर गैस योजना 2025 न केवल एक पर्यावरण हितैषी पहल है, बल्कि यह किसानों की आमदनी और आत्मनिर्भरता को भी बढ़ावा देती है। अगर आप भी इस योजना के पात्र हैं, तो समय पर आवेदन कर इस लाभकारी योजना का हिस्सा बनें।
गोबर गैस योजना से प्राप्त अनुदान
गोबर गैस योजना के अंतर्गत राज्य सरकार की तरफ से बायोगैस संयंत्र लगाने के लिए मिलने वाला अनुदान संयंत्र की क्षमता पर निर्भर करता है। दो घनमीटर क्षमता वाले संयंत्र पर कुल 42000 रुपये की लागत आती है, जिसमें से सरकार लाभार्थी को 21000 रुपये की राशि अनुदान के रूप में देती है। इसके अतिरिक्त 1500 रुपये और दिए जाते हैं जिससे कुल राहत राशि 22500 रुपये तक हो जाती है। यह अनुदान सीधे लाभार्थी के खाते में ट्रांसफर किया जाएगा।
गोबर गैस योजना के लाभ
इस योजना का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इससे किसानों और पशुपालकों को स्वच्छ ईंधन प्राप्त होता है जिससे वे रसोई गैस की बचत कर सकते हैं। एक बायोगैस संयंत्र हर महीने करीब डेढ़ से दो एलपीजी सिलेंडर के बराबर गैस उत्पन्न कर सकता है। इसके अलावा प्लांट से निकलने वाला गोबर अवशेष जैविक खाद के रूप में काम आता है जिसे किसान अपने खेत में इस्तेमाल कर सकते हैं या बाजार में बेच सकते हैं जिससे अतिरिक्त आय हो सके।
योजना के जरिए पर्यावरण की रक्षा भी होती है क्योंकि यह प्लांट प्रदूषण नहीं करता और स्वच्छ ऊर्जा का स्रोत बनता है। इससे गांवों में हरियाली बढ़ेगी और रासायनिक खाद पर निर्भरता भी घटेगी।
गोबर गैस योजना के लिए पात्रता
गोबर गैस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक को बिहार राज्य का स्थायी निवासी होना जरूरी है। साथ ही, उसके पास कम से कम दो या तीन पालतू पशु जैसे गाय या भैंस होनी चाहिए। इसके अलावा, उसके पास 10×12 फीट की निजी भूमि होनी चाहिए जहां वह प्लांट स्थापित कर सके।
योजना के अंतर्गत एक परिवार से केवल एक ही व्यक्ति को लाभ मिलेगा। जिन लोगों के पास सभी आवश्यक पात्रताएं हैं वे योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं।
गोबर गैस योजना हेतु जरूरी दस्तावेज
आवेदन प्रक्रिया के दौरान कुछ जरूरी दस्तावेजों की आवश्यकता होगी:
- आधार कार्ड
- निवास प्रमाण पत्र
- जमीन के दस्तावेज और भूमि विवरण
- बैंक पासबुक की कॉपी
- पशुओं की संख्या का विवरण
गोबर गैस योजना के लिए आवेदन कैसे करें?
जो भी पात्र व्यक्ति योजना का लाभ लेना चाहते हैं उन्हें सबसे पहले योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। वेबसाइट पर ‘सर्विस’ सेक्शन में जाएं और वहां “गोबर/बायो गैस संयंत्र स्थापित 2025-26” लिंक पर क्लिक करें। इसके बाद ‘रजिस्टर फॉर एप्लीकेशन’ विकल्प को चुनें।
यदि आपके पास किसान पंजीकरण नंबर है तो उसे दर्ज करें। अगर नहीं है तो ‘न्यू रजिस्ट्रेशन’ का विकल्प चुनें और मांगी गई सभी जानकारी भरें। पंजीकरण के बाद आवेदन फॉर्म खुलेगा जिसमें सभी विवरण भरें और जरूरी दस्तावेज अपलोड करें।
फॉर्म सबमिट करने के बाद आपको एक एप्लिकेशन आईडी प्राप्त होगी जिसे सुरक्षित रखें। इसके जरिए आप अपने आवेदन की स्थिति बाद में जांच सकते हैं।
निष्कर्ष
गोबर गैस योजना 2025 किसानों और पशुपालकों के लिए एक अत्यंत उपयोगी और लाभकारी योजना साबित हो रही है। इस योजना से उन्हें न केवल स्वच्छ ऊर्जा का लाभ मिल रहा है, बल्कि जैविक खाद और आर्थिक सहायता के रूप में अतिरिक्त लाभ भी प्राप्त हो रहा है। यह योजना न केवल व्यक्तिगत लाभ दे रही है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। अगर इसे सही दिशा में और मजबूती से आगे बढ़ाया जाए तो यह ग्रामीण भारत में ऊर्जा और स्वच्छता के क्षेत्र में क्रांति ला सकती है।